अखंड भारत देश कि संस्कृति सदियों पुरानी है। और क्षत्रिय समाज का इतिहास भी सदीओं पुराना है। जब जब समाज़ या देश पर आक्रमण हुआ है क्षत्रिय समाज ने तलवार कि धार पर अपना शिर रखकर देश कि रक्षा कि है। इस क्षत्रिय समाज आज पुरे देश में अपनी बहादुरी और सभ्यता के लिए जाना जाता है। हर एक जैन पहेले क्षत्रिय है । और ये बात हर एक जैन गौरव के साथ बोलते हैं। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ और विद्वान नेता पुरुषोत्तम रुपाला अपने भाषण के लिए प्रसिद्ध है। परंतु अपनी विद्वत्ता के विरुद्ध उन्होंने क्षत्रिय समाज कि बेटीओं के लिए समाज विरुद्ध भाषा का उपयोग किया है वो अक्षम्य है। जैन समाज के लिए सकारात्मक सोच से हमेंशा समाज को नई दिशा देने वाले हार्दिक हुंडिया ने कहा कि क्षत्रिय समाज कि गरीमा को चोट पहुंचाने वाली टिप्पणी माफी के लायक नहीं है। उनके इन शब्दों से आज समाज दो हिस्सों में बट गया है। क्या पुरुषोत्तम रुपाला के लिए कुर्शी इतनी मायने रखती है की उन्होंने एक जीद पकड़ ली है कि वे २०२४ का यह लोकसभा चुनाव लडेंगे। आज पुरे देश में क्षत्रिय समाज के बारे में अशोभनीय टिप्पणी करने वाले रुपाला का सख़्त विरोध हो रहा है। यंहा तक कि क्षत्राणीयां जो एक विरांगना है उन्होंने भी अपने समाज कि रक्षा के लिए अपने हित कि रक्षा के लिए आगे आईं हैं। हार्दिक हुंडिया ने दो हाथ जोड़कर एक अपील कि है कि पुरुषोत्तम रुपाला इस साल कुर्शी का मोह त्याग कर दें और देश कि अंखडितता के लिए समाज के दो हिस्सों में बांटने से बच जाये। हमारे देश के यशस्वी प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र भाई मोदी जी और अमित शाह जी के लिए पुरुषोत्तम रुपाला क्या इतने महत्वपूर्ण है कि उन्होंने गौरवशाली इतिहास के साक्षी रहे क्षत्रिय समाज को नजरंदाज कर दिया। क्षत्रिय समाज ने देश के सभी समाज के लिए लडाई लड़ी है। पुरुषोत्तम रुपाला आपको में हार्दिक हुंडिया दो हाथ जोड़कर इतना ही कहुंगा कि क्षत्रिय समाज स्वाभिमानी समाज है। और रुपालाजी आप इस साल कुर्शी कि लालच छोड़ दीजिए और क्षत्रिय समाज के हित में सोचिए। चुनाव में आप अपनी उमेदवारी छोड़कर देश की एकता और अखंडता के बारे सोचे।