हिंदी भाषी समाज के प्रतिनिधि मंडल का निवेदन पत्र।। मनीष दुबे।।

हिंदी भाषी समाज के प्रतिनिधि मंडल का निवेदन पत्र।। मनीष दुबे।।

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आप बहुमुखी प्रतिभा के धनी एवं दीर्घकाल से जनसेवा में समर्पित हैं। आपके स्वभाव में सर्वधर्म समभाव और समावेश की अद्भुत क्षमता है। आपका व्यक्तित्व हिमालय जैसा विशाल और सागर जैसा गहन है। यही कारण है कि समाज का हर वर्ग आपसे जुड़ना चाहता है। आप जनमानस के सच्चे नेता, राजनीति के पुरोधा हैं।

आपने अनेक ऐतिहासिक निर्णय लेकर समाज का मार्गदर्शन किया है जैसे मुख्यमंत्री कार्यालय में महिलाओं को आरक्षण देने का कानून, देश के इतिहास का सबसे बड़ा किसान कर्जमाफी का निर्णय, मंडल आयोग की सिफारिशों को महाराष्ट्र में लागू करने का फैसला, मराठवाड़ा विश्वविद्यालय का नामांतरण, इत्यादि। इन सभी कार्यों में आपने अनेक कठिनाइयों का सामना किया और आज भी हम जैसे लाखों युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं।

मुंबई और आसपास के क्षेत्रों में हिंदी भाषी समाज की संख्या लगभग 50 लाख से अधिक है। 2014 के पूर्व यह समाज परंपरागत रूप से कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस का समर्थन करता रहा है, परंतु 2014 के बाद भाजपा ने धर्म के नाम पर इस समाज को अपनी ओर आकर्षित कर लिया। हालांकि 10 वर्षों बाद आज भी यह समाज अनेक समस्याओं से जूझ रहा है- जैसे कि फेरीवाले, रिक्शा चालक, वॉचमैन, मंडी और अन्य व्यवसायी आदि।

जो लोग मराठी नहीं बोल पाते, उन्हें मराठी सिखाने व भाषा विवाद से बचाने के बजाय, भाजपा ने इसे राजनीतिक मुद्दा बनाकर लाभ उठाया है। हिंदी भाषा को पहली कक्षा से लागू करने का निर्णय भी इसी राजनीति का हिस्सा है, जो हिंदी भाषी समाज के लोगों में असंतोष पैदा कर रहा है। मुंबई शहर का प्रशासनिक व संवाद का माध्यम मराठी है, लेकिन भाषा के नाम पर लोगों को आपस में लड़ाने का काम भाजपा कर रही है। दूसरी ओर, सरकारी मराठी और हिंदी स्कूलों के बंद होने से लोगों का रोजगार भी प्रभावित हो रहा है, जिससे सामाजिक समरसता टूट रही है।

आपके नेतृत्व की सशक्त छवि और सर्वधर्म समभाव की सोच के कारण हिंदी भाषी समाज आज भी आपकी ओर आशा से देख रहा है। यदि आपकी पार्टी हिंदी समाज को विश्वास में लेती है, तो निश्चित ही इसका व्यापक असर देखने को मिलेगा। विशेषतः मुंबई के 127 वार्डों में हिंदी भाषी समाज का निर्णायक प्रभाव है।

निवेदन है कि आप प्रतिनिधि का चयन करें जो इस समाज की समस्याओं को सुने और समाधान का प्रयास करे। आपने पूर्व में श्री रमेश दुबे, श्री चंद्रकांत त्रिपाठी जैसे अनेक हिंदी भाषियों को अवसर देकर समाज को प्रतिनिधित्व दिया है। कृपया एक बार फिर इस समाज को उचित मंच प्रदान करें ताकि उनकी समस्याओं का समाधान हो सके।

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