मुंबई: देशभर में कोरोनावायरस के चलते हालात बेकाबू हैं. कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते अस्पतालों का बुरा हाल है. कई मरीज बेड के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं, तो कई ऑक्सीजन की कमी के कारण अपनी सांसों से जूझ रहे हैं. इसी बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक मीटिंग में सभी जिला प्रशासन को ये आदेश दिया है कि कोरोना की तीसरी लहर भी आ सकती है ये ध्यान में रखकर तैयारी करें.
उद्धव ने कहा कि मैंने उद्योगपतियों से बात की है और उन्हें बताया है कि भविष्य में क्या होने वाला है और तीसरी लहर से निपटने के लिए क्या तैयारी करनी होगी. सीएम ठाकरे ने कहा, “हमने प्रतिबंधों और लॉकडाउन के जरिए कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण पा लिया है. हमारा अनुमान था कि राज्य में 10 लाख पॉजिटिव एक्टिव केस हो सकते हैं, लेकिन अभी यह 7 लाख के करीब है.” लॉकडाउन के मसले पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि प्रदेश में सख्त लॉकडाउन लगाने की जरूरत नहीं और राज्य के लोग कोविड व्यवहार का पालन कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि इसके लिए सभी जिलों में ऑक्सीजन प्लांट अभी से लगाना शुरू कर दें. सभी जरूरी दवाइयों की उपलब्धता को बनाकर रखें. उन्होंने यह भी कहा कि गरीबों के लिए घोषित आर्थिक पैकेज का लाभ उन तक पहुंचना चाहिए, इसके लिए जरूरी कदम उठाएं.
मुख्यमंत्री ने साफ निर्देश दिया है कि ये सब सिर्फ घोषणाओं तक सीमित ना रखें, इसका क्रियान्वयन भी करें. इसके साथ ही ये भी निर्देश दिया गया है कि जो श्रमिक अभी कोरोना और लॉकडाउन से घबराकर अपने गांव चले गए हैं, वो संक्रमण कम होने पर वापस आएंगे. लेकिन वो लोग वापस आते समय अपने साथ संक्रमण न लाएं, इस बात का खास ख्याल रखने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि इसको सुनिश्चित करने के लिए सभी आने वालों का रजिस्ट्रेशन होना चहिए. साथ ही लॉकडाउन में उद्योग बंद ना हो ये ध्यान में रखकर आयोजन करने का आदेश दिया गया है.
राज्य में रेमडेसिविर की किल्लत पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजाना की जरूरत 50,000 शीशियों की है, लेकिन केंद्र सरकार ने हमें शुरुआत में 26,700 शीशियां दी थीं. बाद में हमने प्रधानमंत्री से और सप्लाई की मांग की. उन्होंने कहा कि अभी हमें 43,000 शीशियां उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है, लेकिन वास्तव में हमें 35,000 शीशियां ही मिल रही हैं और हम इसका भुगतान कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने लोगों को चेताया कि गैर जरूरी मामलों में रेमडेसिविर का उपयोग ना करें और डॉक्टर की सलाह पर ही कोई फैसला लें.
इसके अलावा ऑक्सीजन की कमी पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज्य के पास 1200 मीट्रिक टन ऑक्सीजन के उत्पादन की क्षमता है. लेकिन हम रोजाना 1700 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन का उपयोग कर रहे हैं.