मुंबई के समतानगर पुलिस स्टेशन की हद में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। जहा पर मामा बाबासाहेब सीताराम हनवते ने ही अपने भांजे अंकुश शेट्टे को अपनी ही बेटी के रेप केस में डालकर 2 करोड़ की प्रॉपर्टी को फर्जी साइन और फर्जी एनओसी लेकर हड़प लिया।

इस मामले को जानकर आप हैरान हो जाएंगे की भांजे अंकुश शेट्टे मामा बाबासाहेब हनवते और उनके साथियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि मामा बाबासाहेब हनवते ने भांजे अंकुश शेट्टे से अपनी बेटी से शादी करने से मना करने पर इतना खतरनाक जाल बिछाया, की भांजे को अपनी ही बेटी के रेप केस के में फंसाकर 2017 में जेल में डाला। भांजे अंकुश शेट्टे के 2017 में जेल में जाने के बाद NKGS बैंक में गिरवी पड़े प्रॉपर्टी के पेपर को फर्जी सिग्नेचर और फर्जी एनओसी बनाकर NKGS बैंक के मैनेजर को साथ मे मिलाकर जमा ओरिजिनल डॉक्यूमेंट बैंक से निकाल लिया।

साथ ही फर्जी सेल डीड बनाकर 2 करोड़ में चारकोप स्थित फ्लैट को बिल्डिंग के सेक्रेटरी को मिलाकर फ्लैट को बेच दिया। मिले पैसे से भांजे अंकुश शेट्टे को जेल से बाहर नहीं आने में हर तरीके के जालसाजी करने लगा। लेकिन सच को कौन कितना छुपा सकता है। करीब 6.5 साल बाद जेल से बेल पर बाहर आने के बाद जब भतीजे ने जब फ्लैट के बारे में जानकारी निकाल तो पता चला की मामा ने ही फर्जी सिग्नेचर और फर्जी एनओसी बनाकर फ्लैट को बेच दी है।

भांजे अंकुश शेट्टे ने कड़ी मेहनत और पत्र व्यवहार के बाद समतानगर पुलिस स्टेशन ने 31 मार्च 2025 को 9 लोगों के ऊपर नामजद मामला दर्ज किया गया। जिसमें चीटिंग करना, फर्जी साइन करना, सरकारी दस्तावेज के साथ छेड़छाड़ करने के मामले दर्ज है। इस केस में मामा बाबासाहेब हनवते, NKGS बैंक की मैनेजर मीनाक्षी सोहने, प्रॉपर्टी खरीदने वाले हरजीत सिंह बेदी, सुरजीत सिंह बेदी, सुखजीत सिंह बेदी, गुरजीत सिंह बेदी अनिरुद्ध सोसायटी के प्रशांत परेरा और गवाह बने संगीता पंडित लहाने, विठ्ठल सीताराम हनवते का नाम दर्ज है।

फिलहाल भांजा अंकुश शेट्टे पुलिस से यह मांग कर रहे है कि जो इस केस में जो भी शामिल लोग हैं उन सभी के ऊपर कानूनी कार्रवाई की जाए और जो भी आरोपी फरार है उनको जल्द से जल्द गिरफ्तार करके हमे न्याय दिया जाए।
