पारंपरिक दीयों का अनोखा संग्रह वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बुक ऑफ इंडिया में दर्ज।

पारंपरिक दीयों का अनोखा संग्रह वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बुक ऑफ इंडिया में दर्ज।

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रामकुमार गुप्ता

मुंबई:- भारतीय संस्कृति में दीपावली को सबसे बड़े त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। दीपावली के दिन भगवान श्री राम चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या नगरी लौटे थे। रोशनी का यह त्योहार पूरी दुनिया में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

इस दीपोत्सव का अर्थ है रोशनी का त्योहार और इस दीपोत्सव में सबसे मूल्यवान प्रदर्शन मकरंद करंदीकर ने किया है। मकरंद करंदीकर के पास विभिन्न धातुओं, आकारों और धर्मों के पंद्रह सौ से अधिक पारंपरिक दीपक हैं। मकरंद करंदीकर दुनिया के पहले ऐसे व्यक्ति हैं।

जिनके पास पारंपरिक दीयों का इतना बड़ा संग्रह है। सबसे छोटा डेढ़ इंच का लैंप और सबसे बड़ा साढ़े आठ फीट लंबा लैंप। उनके अनोखे शौक की उपलब्धि को वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बुक ऑफ इंडिया में दर्ज की गई है। जिसके लिए मकरंद करंदीकर को सम्मानित किया गया।

वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बुक ऑफ इंडिया की संस्थापक और मुख्य संपादक सुषमा नार्वेकर द्वारा प्रमाण पत्र और मेडल देकर सम्मानित किया गया। वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बुक ऑफ इंडिया एक ऐसा संगठन है जो हमेशा विभिन्न आयु समूहों में असाधारण कलात्मक कौशल और विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट उपलब्धियों वाले व्यक्तियों को एक नई पहचान देता है।

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